Islam mein Sharab Haram Kyon?

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शराब हराम (वर्जित) क्यों है?

इस्लाम में शराब वर्जित (हराम) क्यों है?

शराब हमेशा से मानव समाज के लिए एक अभिशाप रही है। इसके सेवन से अनगिनत लोगों की मौत होती रही है। इसका सेवन दुनिया के लाखों लोगों के लिए दुःख और परेशानी का कारण बनता रहा है। शराब मानव समाज को पेश आने वाली विभिन्न कठिनाइयों का दुनियावी सबब रही है। अपराधों की दर में जिस तरह दिन-प्रतिदिन अभिवृद्धि हो रही है, लोगों के मानसिक रोगों की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हो रही है, सवारी चलाते समय दुर्घटनाएँ होती हैं तथा लाखों लोगों के पारिवारिक जीवन छिन्न-भिन्न हो रहे हैं, अनगिनत अपराध होते हैं, इन सबके पीछे शराब की ख़ामोश विध्वंसकारी शक्ति कार्य कर रही है।

1. पवित्र क़ुरआन में शराब का निषेध

पवित्र क़ुरआन में निम्नलिखित आयत में शराब के निषेध का उल्लेख हुआ है— ‘‘ऐ ईमान लाने वालो! यह शराब और जुआ और देव-स्थान और पाँसे तो शैतानी काम हैं अतः तुम इनसे अलग रहो ताकि तुम सफल हो।’’ (क़ुरआन, 5:90)

2. बाइबिल में शराब का निषेध

बाइबिल में भी शराब के सेवन को वर्जित ठहराया गया है—

(i) ‘‘दाखमध ठट्टा करने वाला और मदिरा (शराब) हल्ला मचाने वाली है, जो कोई उसके कारण चूक करता है, वह बुद्धिमान नहीं।’’ (नीतिवचन, 20/1)

(ii) ‘‘शराब से मतवाले न बनो।’’ (इफ़सियो, 5/18)

3. शराब इंसान की सहनशक्ति को क्षति पहुँचाती है

इंसान के मस्तिष्क में एक अवरोधक केन्द्र (Inhibitory centre) होता है। यह केन्द्र उसे ऐसे कामों से रोके रखता है जिन्हें वह ग़लत समझता है। जैसे-एक व्यक्ति आम हालत में अपने माँ-बाप या बड़ों से बातचीत करते हुए गाली-गलौज नहीं करता, अपशब्द नहीं कहता। अगर वह लोगों के सामने शौच आदि करने का इरादा करता है तो उसका यह अवरोधक केन्द्र उसे ऐसा करने से रोकता है। इसी लिए वह व्यक्ति शौचालय का प्रयोग करता है। जब एक व्यक्ति शराब का प्रयोग करता है तो उसका यह अवरोधक केन्द्र अवरोध की अपनी शक्ति खो देता है। यही वह मूल कारण है जिसकी वजह से शराब का आदी व्यक्ति अक्सर ऐसा व्यवहार कर बैठता है जो उसकी नियमित आदतों और गुणों से बिल्कुल मेल नहीं खाता जैसे-शराब के नशे में धुत एक व्यक्ति को देखा जाता है कि वह अपने माँ-बाप से बात करते हुए उन्हें अत्यंत भद्दी और भौंडी गालियाँ बक रहा है। कुछ शराबी तो अपने कपड़ों में पेशाब तक कर लेते हैं। शराब पीने वाला न तो सही ढंग से बातचीत कर पाता है और न ही ठीक ढंग से चल ही पाता है।

4. व्यभिचार, बलात्कार, माँ-बाप और बहन-भाई जैसे संबंधियों के साथ यौन संबंध और एड्स आदि की घटनाएँ अधिकतर शराब पीने वालों के साथ ही घटित होती हैं

National Crime Victimization Survey Bureau of Justice (U.S. Deptt. Of Justice) के अनुसार केवल 1996 में हर दिन 2713 की संख्या में बलात्कार की घटनाएँ हुईं। आँकड़ें बताते हैं कि बलात्कारियों में अधिकांश वे लोग थे जिन्होंने इस अपराध के समय शराब पी हुई थी। लड़कियों के साथ छेड़-छाड़ की घटनाओं में शराब पीने वाले ही अधिकतर लिप्त होते हैं। आँकड़ों के अनुसार 8 प्रतिशत अमेरिकी लोग माँ-बाप और भाई-बहन जैसे पवित्र नातेदारों के साथ यौन-संबंध में लिप्त होते हैं। इसका मतलब यह हुआ कि हर 12-13 में से एक अमेरिकी उपरोक्त पवित्र रिश्ता रखने वालों के साथ यौन-संबंध में लिप्त होता है। इस प्रकार की अधिकतर घटनाओं में पुरुष और स्त्री दोनों या उनमें से कोई एक शराब के नशे में धुत होता है। एड्स के फैलने के जो कारक होते हैं उनमें से शराब सबसे बड़ा और अहम कारक है।

5. हर शराबी शुरू में सोशल ड्रिंकर होता है

कुछ लोग अपने शराब पीने के बारे में कहते हैं कि वे ‘सोशल ड्रिंकर’ हैं अर्थात् वे कम पीते हैं, उन्हें पीने की लत नहीं है। उनका दावा होता है कि वे केवल एक या दो पैग ही पीते हैं और अपने ऊपर क़ाबू रखते हैं। वे नशे में बदमस्त नहीं होते। शोधकर्ताओं का मानना है कि हर शराबी शुरू में सोशल ड्रिंकर ही होता है। एक भी ऐसा शख़्स नहीं होगा कि जिसकी शुरू ही से यह नीयत हो कि वह शराब का आदी बनेगा। कोई भी सोशल ड्रिंकर अपनी इस बात या दावे में सच्चा नहीं हो सकता कि वह सालों से शराब पीते रहने के बावजूद एक बार भी मदमस्त नहीं हुआ। 6. शराबी का मदहोशी में किया गया केवल एक अप्रिय कार्य उसके लिए जीवनभर का दाग़ होता है

मान लीजिए कि कोई शख़्स सिर्फ़ एक बार ही शराब पीकर मदमस्त हुआ है और इस स्थिति में उसने बलात्कार या अन्य कोई और जघन्य अपराध कर डाला हो और उसे बाद में अपने इस कुकृत्य पर खेद भी हो फिर भी यह वास्तविकता है कि एक सरल स्वभाव वाला व्यक्ति अपने इस अपराध के बोझ को जीवन भर ढोता रहता है और पीड़ित व्यक्ति के जख़्म और उसको हुई क्षति की पूर्ति किसी प्रकार संभव नहीं हो सकती है।

7. पैग़म्बर हज़रत मुहम्मद (सल्ल॰) ने भी शराब को हराम कहा है

(i) ख़ुदा के पैग़म्बर का कथन है— ‘‘शराब तमाम बुराइयों की जड़ है और यह बेशर्मी की चीज़ों में से सबसे बढ़कर है।’’ (हदीस: सुनन इब्ने-माजा)

(ii) ‘‘हर वह चीज़ जिसकी बड़ी मात्रा नशा पैदा करने वाली हो उसकी अल्प मात्रा भी हराम है।’’ (हदीस: इब्ने-माजा)

(iii) केवल उन्हीं लोगों पर लानत और धिक्कार नहीं भेजी गई है जो शराब पीते हैं, बल्कि उन लोगों पर भी अल्लाह और उसके पैग़म्बर की ओर से लानत और धिक्कार की गई है जो शराब का कारोबार करते हैं।

हज़रत अनस (रजि़॰) कहते हैं कि ख़ुदा के पैग़म्बर मुहम्मद (सल्ल॰) ने फ़रमाया—‘‘शराब के साथ जुड़े हुए दस लोगों पर अल्लाह की ओर से लानत और धिक्कार की जाती है। जो उसको निचोड़ता या तैयार करता है, जिसके लिए तैयार की गई है, उसका पीने वाला, उसको पहुँचाने या भेजने वाला, जिसके पास उसे भेजा जाए या पहुँचाया जाए, जिसे शराब पेश की जाए, उसे बेचने वाला, उसकी आमदनी से फ़ायदा उठाने वाला, उसे अपने लिए ख़रीदने वाला और दूसरे के लिए उसे ख़रीदने वाला।’’ (हदीस: इब्ने-माजा)

8. शराब के सेवन से पैदा होने वाली बीमारियाँ

शराब के निषेध होने के वैज्ञानिक कारण भी हैं। मौत की अधिकतर घटनाओं का कारण शराब पीना है। लाखों लोग हर साल इसके सेवन से मौत के मुँह में चले जाते हैं। यहाँ इस बात की ज़रूरत महसूस नहीं होती कि शराब के सेवन से होने वाले सभी दुष्प्रभावों की विस्तार से चर्चा की जाए, इसलिए कि उनमें से अधिकांश के बारे में सभी लोग परिचित हैं। यहाँ उसके सेवन से पैदा होने वाले रोगों की केवल एक संक्षिप्त सूची प्रस्तुत करना ही पर्याप्त होगा।

• जिगर का सूत्रण रोग (Cirrhosis of Liver) शराब और उस जैसे मादक पदार्थों के सेवन से पैदा होने वाली यह एक प्रमुख बीमारी है।

• ग्रासनली का कैंसर (Cancer of Oesophagus), सिर, गर्दन, जिगर और आँतों आदि का कैंसर।

• Oesophagitis, Gastritis, Pancreatitis, Hepatitis ये सारी बीमारियाँ शराब के सेवन से पैदा होती हैं।

• Cardiomyopathy, Hypertension, Coronary Artherosclerosis, Angina और हार्ट अटैक आदि ये तमाम बीमारियाँ शराब के सेवन से पैदा होती हैं।

• Strokes, Apoplexy बेहोशी और विभिन्न प्रकार के पक्षाघात (Paralysis) ये सब बीमारियाँ शराब के सेवन से संबंध रखती हैं।

• Peripheral Neuropathy, Cortical Atrophy, Cerebellar Atrophy आदि प्रमुख Syndromes हैं, जो शराब की देन हैं।

• शराब के सेवन से शरीर में Thiamine की कमी हो जाती है जिससे Wernicke-Korsakoff, रोग पैदा होता है, जिससे वर्तमान चीज़ों की स्मरण-शक्ति और अतीत की घटनाओं की स्मरण-शक्ति का ह्रास हो जाता है तथा अन्य प्रकार के पक्षाघात रोग पैदा होते हैं।

• बेरीबेरी रोग और अन्य प्रकार की कमियाँ शराबियों में सामान्य रूप से पाई जाती हैं। यहाँ तक कि Pellagra शराब सेवन करने वालों के अंदर पैदा होता है।

• Delerium Tremens एक घातक Complication है जो शराब सेवन करने वालों के बार-बार इन्फेक्शन के बीच या ऑपरेशन के बाद पैदा होता है। ये बीमारी परहेज़ के दौरान या उसके बाद भी अपना प्रभाव छोड़ती है। अच्छे इलाज के बावजूद भी यह मौत का कारण बन जाती है।

• अनेक Endocrine Disorders का संबंध शराब पीने से है। Myxodema से लेकर Hyperthyroidism तथा Florid Cushing Syndrome तक तमाम बीमारियाँ शराब के दुष्प्रभावों के रूप में प्रकट होती हैं।

• Hematological से संबंधित दुष्प्रभाव विभिन्न प्रकार के होते हैं जो काफ़ी दिनों तक बाक़ी रहते हैं। Folic Acid की कमी शराब पीने से पैदा होती है। इसी का परिणाम Macrocytic Anemia के रूप में सामने आती र्है Zeive’s Syndrome दरअसल Hemolytic Anemia Jaundice (पीलिया) और Hyperlipaedemia शराब से पैदा होने वाले रोग हैं।

• Thrombocytopenia और अन्य Plateiet से संबंधित शिकायतें शराब की देन हैं।

• Metronidazole (Flagyl) गोली जिसका आमतौर पर प्रयोग होता है, शराब पीने के साथ इसके दुष्प्रभाव प्रकट होते हैं।

• शराबियों के अंदर बार-बार इन्फेक्शन का होना आम बात है। बीमारियों से बचने के लिए रक्षा-शक्ति (Immunological defense System) शराब पीने वालों के अंदर प्रभावहीन हो जाते हैं।

• शराबियों के अंदर Chest Infection आम है। निमोनिया, Lung Abcess, Emphysema तथा Pulmonary, Tuberculosis, उनके अंदर आम है।

• शराब के नशे में धुत होने के बाद शराब पीने वाला आमतौर पर उल्टी करता है इसके कारण Cough Reflexes जो सुरक्षा-दृष्टि से ज़रूरी होते हैं, उनको बड़ा नुक़सान पहुँचता है। इस तरह उल्टी फेफडे़ में चली जाती है और वह निमोनिया और Lung Abscess का कारण बनती है। कई बार उसकी वजह से घुटन पैदा हो जाती है जिससे कि आदमी मर जाता है।

• शराब के सेवन का नुक़सान औरतों के लिए और भी ज़्यादा है। मर्दों के मुक़ाबले में औरतें शराब से संबंधित Cirrhosis का ज़्यादा शिकार होती हैं। गर्भावस्था में शराब पीने से गर्भ को बहुत नुक़सान पहुँचता है। Foetal Alcohol Syndrome चिकित्सा-क्षेत्रों में एक ज्ञात तथ्य है।

• शराब के सेवन से चर्म रोग भी उत्पन्न होते हैं।

• एक्जि़मा, Alopecia, Nail Dystrophy, Paronychia (नाख़ून के आस-पास इंफेक्शन) और Angular Stomatitis (मुँह का सूजना) भी शराब पीने वालों में आम-सी बात है।

9. शराब पीना ख़ुद एक बीमारी है

डॉक्टर लोग शराब पीने वालों के संबंध में किसी प्रकार के पक्षपात के बिना यह विचार प्रकट करते हैं कि शराब पीना एक आदत नहीं बल्कि ख़ुद एक बीमारी है। Islamic Research Foundation ने एक पत्रिका प्रकाशित की है, उसके अनुसार—‘‘अगर शराब बीमारी है तो यही एक बीमारी है जो—

• बोतल में बिकती है, उसका विज्ञापन अख़बार और पत्रिकाओं में छपता है और टी॰वी॰ तथा रेडियों पर प्रसारित होता है।

• उसको फैलाने वाली लाइसेंस प्राप्त दुकानें हैं; हुकूमत को उससे आमदनी होती है।

• सड़क-दुर्घटनाओं में उसकी वजह से दर्दनाक मौतें होतीं हैं।

• शराब पारिवारिक जीवन को तबाह व बर्बाद कर डालती है तथा अपराधों की दर इससे बढ़ जाती है।’’

10. शराब पीना एक बीमारी ही नहीं बल्कि शैतानी काम है

ख़ुदा ने हमें शैतान की इस चाल से बाख़बर किया है। इस्लाम एक प्राकृतिक धर्म है, उसकी शिक्षाएँ इंसान की प्राकृतिक हालतों की रक्षा करती हैं। शराब पीना वास्तव में इंसान को अपनी प्रकृति के रास्ते से विमुख होना है। व्यक्तिगत स्तर पर भी और सामाजिक स्तर पर भी। शराब का सेवन इंसान को जानवरों से भी बुरी हालत में पहुँचा देता है, जबकि इंसान, जैसा कि वह ख़ुद उसका दावेदार है, जानवरों से ऊँचा और सारी सृष्टि में सर्वश्रेष्ठ प्राणी है। उपर्युक्त सभी विवरणों को सामने रखते हुए इस्लाम ने शराब हराम (निषेध) की है।