रमज़ान स्पेशल: मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज़ कैसे रखे रोज़ा?
रमजान का मुक़द्दस महीना आने में कुछ ही दिन रह गए है। लोगो के चेहरो पे अलग ही रौनक देखने को मिलेगी शाम का माहोल एक दम खुशनुमा हो जायेगा। चेहरे पर नूर इंशा अल्लाह आ जायेगा। बहुत सारे लोगो को अपनी दिनचर्या में परिवर्तन करना पड़ेगा। कुछ लोगो को समय नहीं लगता पर कुछ लोगो को परेशानी होती है।
इसलिए मै आप सबको कुछ टिप्स बताऊंगा जिससे आप सभी रमजान के पूरे रोज़े रख सके क्योंकि हेल्थ अच्छी रहेगी तभी आप अच्छे से इबादत कर पाएंगे और रोज़े रख पाएंगे ।
रोज़े रखने पर जीवन-शैली में काफी परिवर्तन लाना पड़ता है जब कोई सामान्य व्यक्ति रोज़े रखता है 8-10 घंटे कुछ खाता पीता नहीं है तो उसके शरीर में ऊर्जा का स्तर शरीर में मौजूद ऊर्जा के स्टोर के जरिये नियंत्रित होता है।
अगर किसी व्यक्ति को मधुमेह (डायबिटीज) है तो उसके साथ यह संभव नहीं है और उसका ब्लड ग्लूकोस सामान्य से भी कम हो जाता है। संतुलित आहार नियमित व्यायाम और जीवनशैली में परिवर्तन के जरिये आप मधुमेह पर नियंत्रण कर के रोज़े रख सकते है ।
अगर आप Gliptin Glitazone या Metaformin ग्रुप की दवाओ पर निर्भर है तो भी आप सुरक्षित तौर पर रोज़े रख सकते है यदि आप Kanagliflozin Daapaagliflozin और Impagliflozin पर निर्भर है तो आपको रोज़े के समय पानी की कमी (Dehydration) हो सकती है ।
वहीँ इन्सुलिन या Salfonyluria दवा लेने वाले डॉक्टर की सलाह ले ले फिर रोज़े रखे।
टाइप-1 डायबिटीज वाले लोगो में इन्सुलिन का उत्पादन नहीं होता है । उन्हें पूरी तरह से इन्सुलिन इंजेक्शन पे निर्भर रहना पड़ता है ऐसे लोग रोज़े नहीं रख सकते ।
इस साल रमजान में सेहरी और इफ्तार के बीच काफी लंबा अंतर (लगभग 15-16 घंटे) है। इसके अलावा काफी गर्मी भी रहेगी। कई घंटो तक पानी के बगैर रहने से डी-हाइड्रेशन का खतरा बढ़ सकता है । ध्यान रहे की सेहरी और इफ्तार के वक्त पानी अधिक पिए फल खाये । चाय,काफी,कोल्डड्रिंक का सेवन कम करे । इससे डी-हाइड्रेशन (Dehydration) का खतरा बढ़ता है।
सेहरी के समय क्या खाये-पियें:
इस वक्त तरल पदार्थ ले जैसे- लस्सी नारियल पानी और फाइबर युक्त भोजन ले जैसे चोकर युक्त रोटी कार्बोहाइड्रेट्स खाये। जैसे – ब्राउन राइस, साबुत दाल और फल इस भोजन से सारा दिन शुगर का स्तर बने रहने में मदद मिलेगी ।
इफ्तार के समय क्या खाये-पियें:
रोजा खोलने में 1-2 खजूर से शुरुआत करे। चिकनाई वाली चीज़े न खाये। तली हुयी चीज़े, जैसे तले हुए कबाब, पकौडी आदि कम खाये। नमक का सेवन कम करे और मिठाईया न खाये। सलाद और हरी सब्ज़िया ज्यादा खाये।
रमजान मुबारक।
नोट: मधुमेह के जो भी मरीज़ हों, टाइप-1, टाइप-2, इन्सुलिन लेते हों या न लेते हों, दवा लेते हों या न लेते हो, डॉक्टर से अवश्य संपर्क कर लें। रोज़ा डॉक्टर के परामर्श से ही रखें। जज़ाक अल्लाहु खैर।
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