Roza Insan ko karne Aur Burai se Bachne ki Training Hai

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रोजा इन्सान को नेकी करने और बुराई से बचने के लिए ट्रेनिंग है – ‘इस्तेकबाल रमज़ान’ में तक़वा की बच्चियों ने कहा

महिलाओं का एक कार्यक्रम नूर उल्लाह रोड स्थित रंगोली गेस्ट हाउस में आयोजित किया गया। कार्यक्रम को तकवा इस्लामिक स्कूल की छात्राओं ने संबोधित किया।

कक्षा-7 की छात्रा अरूबा अनीस ने रमजान की अहमियत पर रोशनी डाली।  अलशिफा बेगम ने कुरआन और रमजान के संबन्ध पर विस्तृत जानकारी दी। अनम जावेद ने अपनी बात रखते हुए इस्लाम में जकात पर प्रकाश डाला। आगे विस्तार देते हुए अनम ने कहा कि जकात इस्लाम का वो फर्ज है जिसे अदा करने से समाज में आर्थिक असमानता कम हो जाती है। आएशा इस्लाम ने अपनी बात रखते हुए कहा कि रोजा इन्सान को नेकी करने और बुराई से बचने के लिए ट्रेनिंग है। उन्होंने रोजे से सम्बन्धित विभिन्न मसाएल भी बयान किए। हलीमा अफशाँ ने रमजान के आखिरी दस दिनों में पड़ने वाली शबे कद्र की अहमियत से लोगों को अवगत कराया। साथ ही कयामुल्लैल (तरावीह) की अहमियत व फजीलत भी बयान की।

कार्यक्रम का संचालन संस्था की सीनियर मेम्बर सीमा नाज ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित सभी मेहमानों को तकवा इस्लामिक स्कूल की प्रधानाचार्या असमा शम्स ने धन्यवाद दिया और बच्चों द्वारा प्रस्तुत किए गए कार्यक्रम पर बच्चों को बधाई दीं।

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Courtesy :
Taqwa Islamic School
Islamic Educational & Research Organization (IERO)
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