وَذَرُوا ظَاهِرَ الْإِثْمِ وَبَاطِنَهُ ۚ إِنَّ الَّذِينَ يَكْسِبُونَ الْإِثْمَ سَيُجْزَوْنَ بِمَا كَانُوا يَقْتَرِفُونَ
छोड़ो खुले गुनाह को भी और छिपे को भी। निश्चय ही गुनाह कमानेवालों को उसका बदला दिया जाएगा, जिस कमाई (बुराई या भलाई) में वे लगे रहे होंगे
And abandon open and secret sin; surely they who earn sin shall be recompensed with what they earned.
Courtesy :
Taqwa Islamic School
Islamic Educational & Research Organization ( IERO )