अमेरिकन हिजाबी – रूमाना अहमद
‘रूमाना अहमद’ मिसाल है सबके लिये कि तरक्की और कामियाबी का रास्ता केवल तालीम और अमन से प्राप्त होता है
खुद को “हिजाबी” कहने वाली रूमाना उन अमेरिकन मुस्लिमों में से एक है जो अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के वाइट हाउस दफ्तर के लिए काम करते है। रूमाना बराक ओबामा के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, बेन रोहड्स के मातेहत एक सलाहकार का कर्तव्य निभा रही है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद् में रूमाना के अलावा भी विभिन्न मूलदेशो के अन्य मुसलमान कार्यरत है साथ ही कुछ इमीग्रेशन और विज्ञानं और तकनीक जैसे गंभीर स्थानों में भी अपनी सेवाएं दे रहे है।
हाल ही में रिपब्लिकन नेता डोनाल्ड ट्रम्प ने मुसलमानो के खिलाफ एक बयान दिया था जिसकी आलोचना रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक दोनों ने कि थी।
बात करते है रूमाना की तो रूमाना का पूरा नाम रूमाना अहमद है और वह बंगला मूल की अमेरिकी मुस्लिम है। रूमाना एक ऊर्जावान स्त्री है और बेन रोहड्स के साथ कार्य करने वाली चंद सीनियर्स में से है। इससे पहले रूमाना “ऑफिस ऑफ़ पब्लिक इंगेजमेंट”, जो बराक ओबामा के अंतर्गत था, में अपनी सेवा दे चुकी है।
वाशिंगटन के गैथेरसबर्ग, मैरीलैंड में जन्मी रूमाना अहमद बताती है कि सरकारी सेवा में जाने का उनका कोई इरादा नहीं था। 2008 में बराक ओबामा का कैम्पेन देख उन्हेँ बदलाव और आशा दिखी जिसके चलते उन्होंने देश सेवा में आने का विचार किया।
रूमाना सबसे पहले एक इंटर्न की हैसियत से 2009 में प्रेसिडेंशल कॉरेस्पोंडेंस के दफ्तर में शामिल हुई और बाद में उनेह तरक्की देकर जन सेवा दफ्तर में स्टाफ बना दिया गया।
रूमाना आगे बताती है कि वाइट हाउस में काम करने से विभिन्न प्रकार के लोगो और उनकी समस्याओ से उनका परिचय हुआ जिससे उनको अमेरिका में मुस्लिम समुदाय और सरकार को जोड़ने का अवसर मिला। रूमाना हमेशा हिजाब में रहती है, पूछे जाने पर वो बताती है कि यह दुनिया को एक सन्देश देता है कि अमेरिका एक महान देश है जहा विभिन्न प्रकार के धर्म और समुदाय के लोग एक साथ रहकर कार्य करते है।रूमाना अहमद मिसाल है हम सबके लिए कि तरक्की और कामियाबी का रास्ता केवल तालीम और अमन से प्राप्त होता है।
Source: Teesri Jung
Courtesy :
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Taqwa Islamic School
Islamic Educational & Research Organization (IERO)