9/11 हमला किसने करवाया ?
“11 सितंबर 2001 को अलकायदा से जुडे 19 आतंकवादियों ने चार विमानों (बोइंग 757 और 767) का अपहरण कर इनमें से तीन को सार्वजनिक इमारतों से भिड़ा दिया। न्यूयॉर्क स्थित वल्र्ड ट्रेड सेंटर के दो टावर और वॉशिंगटन के नजदीक स्थित पेंटागन को निशाना बनाया गया। वल्र्ड ट्रेड सेंटर के दो टावर नष्ट हो गए ओर पेंटागन क्षतिग्रस्त हो गया। चौथा विमान किसी इमारत को निशाना नहीं बना पाया और यह पेनिस्लेविया में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इनमें सवार सभी यात्री मारे गए। इस सामूहिक हमले में तीन हजार से ज्यादा लोग मारे गए।”
(9/11 हमले के बाद अमरीकी सरकार द्वारा जारी आधिकारिक बयान)
हादसे के पहले की अहम घटनाएं
24 जुलाई 2001 : लैरी सिल्वरस्टीन ने पूरे वल्र्ड ट्रेड सेंटर को 3.2 बिलियन डॉलर में 99 साल की लीज पर लिया। यानी 11 सितम्बर के छह हफ्ते पहले। इस लीज में 3.5 बिलयन डॉलर की बीमा पॉलिसी भी शामिल थी, जो खास तौर पर आतंकवादी हमलों को भी कवर करती थी।
6 सितम्बर 2001 : यूनाइटेड एयरलाइंस के स्टॉक पर 3150 पुट ऑप्शन रखे गए। पुट ऑप्शन तब रखा जाता है, जब स्टॉक के दाम गिरने की आशंका हो। रोजाना के मुकाबले उस रोज चार गुना पुट ऑप्शन रखे गए। इसी दिन बम सूंघने वाले कुत्तों को वल्र्ड ट्रेड सेंटर से हटा लिया गया और सुरक्षा गाड्र्स की दो हफ्ते से चल रही बारह घंटे की शिफ्ट को भी खत्म कर दिया गया।
7 सितम्बर 2001 : बोइंग के स्टॉक पर 27,294 पुट ऑप्शन रखे गए, जो आम दिनों से 5 गुना ज्यादा थे।
10 सितंबर 2001 : अमरीकन एयरलाइंस के स्टॉक पर 4,516 पुट ऑप्शन रखे गए, जो आम दिनों की तुलना में 11 गुना अधिक थे। न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक पेंटागन के कई बड़े ओहदेदारों ने अगली सुबह का अपना हवाई सफर रद्द किया। सैन फ्रांसिस्को के मेयर विली ब्राउन को फोन के जरिए अगली सुबह जहाज में सफर न करने की हिदायत दी गई। यह फोन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कोंडोलिजा राइस का था।
ट्विन टावर्स : इतना स्टील पिघल गया ?
ट्विन टावर्स का इतिहास कुरेदा, तो पता चला कि सन् 1970 में 1368 फीट ऊंचे नॉर्थ टावर और 1973 में 1362 फीट ऊंचे साउथ टावर को बनाने में दो लाख टन स्टील और 4।25 लाख घन यार्ड सीमेंट का इस्तेमाल किया गया था। 9/11 हादसे के बाद अमरीकी सरकार की ओर से जारी बयान में यह कहा गया था कि “विमान टक्कर के बाद लगी आग से टावर्स में लगा स्टील का मजबूत ढांचा गल गया और टावर जमींदोज हो गए।”
न्यू मैक्सिको इंस्टीट्यूट ऑफ माइनिंग एंड टेक्नोलॉजी के वाइस प्रेसिडेंट वैन रोमेरो ने टावर्स गिरने के बाद अपना बयान जारी किया। इसमें उन्होंने कहा, “टावर के अंदर पहले से रखे बमों के फटने से टावर नीचे आया। यह मुमकिन ही नहीं कि विमान के टकराने और इसमें लगी आग से टावर नीचे आए।’ लेकिन आश्चर्यजनक रूप से दस दिन बाद उन्होंने अपना यह बयान बदल दिया और कहा ‘टावर आग लगने की वजह से नीचे गिरे थे।”
इस बीच वल्र्ड ट्रेड सेंटर के कंस्ट्रक्शन मैनेजर हाइमर ब्राउन ने इसी दौरान एक बयान जारी किया। उनके मुताबिक, “टावर्स की मजबूती ऐसी थी कि वह हर तरह के हादसे को बर्दाश्त कर सके। जैसे की तूफान, बम धमाके, विमान का टकराना भी, लेकिन 2000 डिग्री फारेनहाइट पर जल रहे ईंधन ने बिल्डिंग में लगे स्टील को कमजोर कर दिया।” जबकि वल्र्ड ट्रेड सेंटर में इस्तेमाल किए गए स्टील की जांच करने वाली कंपनी अंडरराइटर्स लेबोरेट्रीज के केविन रायन ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्टैंडर्ड एंड टेक्नोलॉजी के फ्रेंक केल को एक पत्र में लिखा, ‘हम सभी जानते हैं कि वल्र्ड ट्रेड सेंटर में “एएसटीएम ई119 प्रमाणित” स्टील का इस्तेमाल हुआ था। इस किस्म के स्टील को टेस्ट करते वक्त उसे कई घंटों तक 2000 डिग्री फारेनहाइट पर गर्म किया जाता है। इसके अलावा चालू किस्म का स्टील भी 3000 डिग्री फारेनहाइट पर जाकर ही पिघलता है, तो हाइमर ब्राउन ने यह नतीजा कैसे निकाल लिया कि इमारत में इस्तेमाल होने वाला बेहतरीन स्टील दो हजार डिग्री फारेनहाइट पर पिघल गया। यह बात बिलकुल बेबुनियाद है।’ इस पत्र को लिखने के कुछ ही दिनों बाद केविन रायन को उनके पद से हटा दिया गया।
टावर के अंदर हुए विस्फोट
अमरीकी सरकार पर उंगली उठाने वालों का दावा है कि ट्विन टावर्स के अंदर साजिश के तहत पहले से भारी मात्रा में विस्फोटक सामग्री रखी गई थी और उस विस्फोटक सामग्री से ही ये टावर्स ध्वस्त हुए। यह नामुमकिन है कि विमान टकराने से ये टावर्स इतने ध्वस्त हो जाएं।
जैसा कि दूसरा विमान सुबह नौ बजकर तीन मिनट पर साउथ टावर की 78 वीं मंजिल और साउथ ईस्ट कोने से टकराया। आधे से ज्यादा ईंधन आग के गोले की शक्ल में फटा। यह टावर नॉर्थ टावर से पहले नीचे आया जबकि नॉर्थ टावर से विमान सीधे जाकर टकराया और वह इसके 18 मिनट पहले से जल रहा था। न्यूटन के गति नियम के मुताबिक किसी भी चीज के सीधे नीचे गिरने का हिसाब लगाया जाए, तो इस टावर को गिरने में 9।2 सैकंड का समय लगना चाहिए और इस साउथ टावर को गिरने में इतना ही वक्त लगा। मतलब साफ है जिन प्रत्यक्षदर्शियों ने टावर की 10-15 मंजिलों के बीच 6 धमाके देखे थे, वे सही थे। यानी इमारत गिराने के लिए उसके भीतर से विस्फोट किए गए थे और आंतरिक विस्फोटों से ही यह टावर धराशायी हुआ।
साउथ टावर के नजदीक चर्च स्ट्रीट पर इस हादसे के एक चश्मदीद गवाह ने इमारत की 10वीं और 15वीं मंजिल के बीच चिंगारी निकलते देखी थी और टावर गिरने के पहले अंदर 6 बार रोशनी देखी गई।
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By: प्रवीण जाखड़, अयान खान
Courtesy :
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