Qur’an Mein Aatmhatya karna Paap Hai, Kisan Aatmhatya Na Karen – Nana Patekar

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कुरआन में आत्महत्या करना पाप है, किसान आत्महत्या ना करे – नाना पाटेकर

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नाना पाटेकर ने बताया कि आत्‍महत्‍या करने वाले किसानों में मुस्‍लिम किसानो की संख्‍या ना के बराबर है क्‍योंकि उनके पवित्र ग्रंथ कुरान में आत्‍महत्‍या को पाप बताया गया है जिससे ईश्‍वर के नियमों की अवहेलना होती है। उन्‍होंने कहा कि क़ुरान उनके दिल के बहुत क़रीब है तथा ये विचार बेहद पसंद आया और वे चाहते हैं कि किसानों को इसे समझना चाहिए और किसी भी हालत में हथियार नहीं डालने चाहिए बल्‍कि परिस्‍थितियों का सामना करना चाहिए।

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अभिनेता नाना पाटेकर हिंदी सिनेमा जगत का वह नाम है जो किसी के लिए अछूता नहीं है। उनकी अभिनय की प्रतिभा का हर कोई लोहा मानता है। अभिनेता नाना पाटेकर बेहद भावुक व्यक्ति माने जाते हैं, लेकिन शायद Yourstory-Nana-Patekar-NAAM-1ही किसी ही उन्हें आंसू भरी आंखों में देखा होगा। महाराष्ट्र में पड़ रहे भीषण सूखे पर एनडीटीवी से बातचीत में उनकी रुंधी आवाज साफ सुनी जा सकती है।

किसान हैं कोई भिखारी नहीं

अहमद नगर में इस अभिनेता ने कहा कि सूखा पीड़ित इलाकों से बड़े पैमाने पर लोगों का शहरों में पलायन हो रहा है। अगर कोई आपके कार की खिड़की पर आए तो उनसे भिखारियों जैसा व्यवहार नहीं करें। वे किसान हैं कोई भिखारी नहीं।’ इस साथ ही उन्होंने कहा, ‘वे मजबूर हैं। उन्हें  खाने, पानी और शौचालयों की जरूरत है। हमें ऐसे किसी एक की तो जिम्मेदारी उठानी चाहिए। यह मुश्किल नहीं।’

आईपीएल शिफ्ट करना भावनात्मक मुद्दा32NAxaQ

पाटेकर ने कहा कि महाराष्ट्र को आईपीएल मैचों की मेजबानी नहीं करनी चाहिए थी। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आईपीएल के 13 मैचों को राज्य से बाहर कराने के बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश से भी कुछ ज्यादा फायदा नहीं होने वाला. लेकिन यह संकेतिक कदम है। वह कहते हैं, ‘क्या आईपीएल के मैच नहीं होंगे, तब मैदानों में पानी नहीं डाला जाएगा? लेकिन यह एक भावनात्मक मुद्दा है। जब लोग मर रहे हैं, तो हम जश्न कैसे मना सकते हैं?’

मौसम विभाग द्वारा जारी सामान्य से बेहतर मानसून के पूर्वानूमान का स्वागत करते हुए पाटेकर कहते हैं कि अगर पहले ही कदम उठाए जाते तो लातूर के प्यासे लोगों के लिए ट्रेन से पानी भेजने की जरूरत नहीं होती।

हम भी फेल हुए और हमारे नेता भी

वह कहते हैं, ‘आने वाले दो महीने बेहर ही मुश्किल भरे होने वाले हैं। अगर हम पहले ही कदम उठाते, तो वाटर ट्रेन भेजने की जरूरत नहीं होती। एक व्यक्ति के तौर पर हम भी और हमारे नेता भी (इस मामले में ) फेल हुए हैं।’

सिस्टम पर सवाल जरूर उठाना चाहिए

npनाना पाटेकर कहते हैं, ‘लोग चिंतित हैं। लेकिन उन्होंने यह पहली बार नहीं देखा है। उन्हें यहां (मराठवाड़ा) आना चाहिए। लोगों को सिस्टम परnanapatekarhelpsthefamiliesoffarmerswhocommittedsuicide1_1440420735 सवाल जरूर उठाना चाहिए। चुप रहना एक अपराध है। क्या हम अंधे हैं, जो मर रहे लोगों को नहीं देख सकते? अगर वे हमारे लोग नहीं, तो फिर वह हैं कौन?’

उन्होंने बस सनसनीखेज खबरों पर ध्यान देने को लेकर मीडिया पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, ‘यह दुख की बात है कि प्रत्यूषा (बनर्जी) ने आत्महत्या कर ली। लेकिन इसे हर दिन पहले पन्ने पर ही होना चाहिए। इंद्राणी (मुखर्जी) ने कितनी बार शादी की, यह जानने की किसे पड़ी है? मुझे तो अखबार पढ़ना ही पसंद नहीं।’

नाना पाटेकर और उनके साथी मकरंद अनसपुरे ने आत्‍महत्‍या करने वाले किसानों के एक एक परिवार के पास जा कर उन्‍हें अपने हाथें से सहायता राशि का चेक पकड़ाया ये सभी परिवार लातूर में एक होटल के सभागार में एकत्रित हुए थे। इससे पहले वे विदर्भ इलाके में किसानों के परिवारों को सहायता राशि वितरित कर चुके हैं।  इस मौके पर नाना ने कहा कि वो तो एक पोस्‍टमैन हैं जो लोगों के द्वारा आ रही मदद को किसानों तक पहुंचा रहे हैं। इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी कहा कि ये एक गंभीर समस्‍या है और वे चाहते हैं इससे मुकाबला करने के लिए सभी बड़े राजनैतिक दल जैसेinauguration-mahotsav-actor-bharat-patekar-addresses-during_ad580ef4-ccb6-11e5-9175-b0581234e99b कांग्रेस, एनसीपी और भाजपा आपसी मतभेद भूल एक साथ समस्‍या का सामना करने के लिए आगे आयें, हालाकि वो नहीं जानते कि उनका ये सपना कभी पूरा होगा भी कि नहीं।

कुरान का हवाला दे कर किसानों से आत्‍महत्‍या ना करने की अपील की

नाना पाटेकर ने बताया कि आत्‍महत्‍या करने वाले किसानों में मुस्‍लिम किसानो की संख्‍या ना के बराबर है क्‍योंकि उनके पवित्र ग्रंथ कुरान में आत्‍महत्‍या को पाप बताया गया है जिससे ईश्‍वर के नियमों की अवहेलना होती है। उन्‍होंने कहा कि क़ुरान उनके दिल के बहुत क़रीब है तथा ये विचार बेहद पसंद आया और वे चाहते हैं कि किसानों को इसे समझना चाहिए और किसी भी हालत में हथियार नहीं डालने चाहिए बल्‍कि परिस्‍थितियों का सामना करना चाहिए।


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Source: MuslimIssue