Islam Mein Mujhe Apne Har Eik Sawal Ka Jawab Mila – JAYNE KEMP

0
997

इस्लाम में मुझे अपने हर एक सवाल का जवाब मिला – जेने केम्प

download (1)

मैंने आज के अन्य धर्मों को इस्लाम जैसा नहीं पाया। इस्लाम में मुझे अपने हर एक सवाल का जवाब मिला। दरअसल अब तो मुझे इस्लाम से बेहद लगाव हो गया।’ जेने बताती हैं, ‘जब मैंने अपने सहकर्मियों को बताया कि मैंने इस्लाम अपना लिया और अब मैं कार्यस्थल पर हिजाब पहनना शुरू करना चाहती हूं तो मेरे सहकर्मियों ने मेरा सहयोग किया।

download

28 वर्षीय पुलिस अधिकारी जेने केम्प ने घरेलू हिंसा से पीडि़त एक मुस्लिम महिला की मदद के दौरान इस्लामिक आस्था और विश्वास के बारे में जानने का निश्चय किया। उन्होंने इस्लाम का अध्ययन किया और फिर इस्लाम अपनाकर मुसलमान बन गईं।

SNF30ISLAMA-620_1663704aदो बच्चों की मां जेने केम्प ने बताया कि पुलिस अधिकारी के रूप में घरेलू हिंसा से पीडि़त एक मुस्लिम महिला की मदद के दौरान उसने इस्लाम को जाना और फिर इस्लाम से प्रभावित होकर इस्लाम कुबूल कर लिया। इस्लाम के अध्ययन के दौरान केम्प ट्विटर पर कई मुस्लिमों के सम्पर्क में आईं, उनसे कई बातें जानीं और इस सबके बाद उन्होंने अपना कैथोलिक धर्म छोड़कर एक साल पहले इस्लाम धर्म अपना लिया और अब वे पूरी तरह इस्लाम के मुताबिक अपनी जिंदगी गुजार रही हैं।

वे एक जिम्मेदार पुलिस अधिकारी के रूप में गश्त पर निकलती हैं लेकिन वे पूरी तरह इस्लामी हिजाब में होती हैं और अपनी ड्यूटी के समय को एडजेस्ट करके वे नमाज पढऩा नहीं भूलती हैं। सात वर्षीय बेटी और नौ वर्षीय बेटे की सिंगल मदर जेने ने पिछले साल आधिकारिक रूप से इस्लाम अपना लिया और अपना नाम जेने केम्प से अमीना रख लिया। वे अपना खाना खुद बनाती हैं ताकि वह पूरी तरह हलाल खाना हो।

जेने दक्षिण मेनचेस्टर में रहती हैं। वे कहती हैं, जहां मैं रहती हूं वहां एक बड़ी मस्जिद है और काफी तादाद में मुस्लिम रहते हैं। इस्लाम के प्रति दिलचस्पी के दौरान मैंने तय किया कि मुझे इन लोगों और इनके मजहब के बारे में ज्यादा से ज्यादा अध्ययन करना चाहिए।

जेने कहती हैं- ‘पहले मैं सोचती थी कि इस्लाम तो महिलाओं को चूल्हा-चौका करने और घर में कैद रहने के लिए मजबूर करता होगा लेकिन मैंने इसमें ऐसा नहीं पाया बल्कि ये तो अपने समय से ही दूसरों के प्रति उदार और सम्मानपूर्ण व्यवहार की सीख देता है। मैंने पाया कि इस्लाम अपने पड़ोसियों का खयाल रखने और उनके साथ अच्छे ताल्लुकात रखने को तरजीह देता है, वहीं बच्चों को माता-पिता को पूरा सम्मान देने और उन्हें उफ् तक न कहने की हिदायत देता है।

मैंने आज के अन्य धर्मों को इस्लाम जैसा नहीं पाया। इस्लाम में मुझे अपने हर एक सवाल का जवाब मिला। दरअसल अब तो मुझे इस्लाम से बेहद लगाव हो गया।’ जेने बताती हैं, ‘जब मैंने अपने सहकर्मियों को बताया कि मैंने इस्लाम अपना लिया और अब मैं कार्यस्थल पर हिजाब पहनना शुरू करना चाहती हूं तो मेरे सहकर्मियों ने मेरा सहयोग किया।

पहले मैं चिंतित थी कि मेरे सहकर्मी मेरे इस फैसले पर न जाने क्या सोचेंगे और किस तरह की प्रतिक्रिया व्यक्त करेंगे लेकिन उन्होंने मेरे फैसले का सम्मान किया।’ जेने कहती हैं- ‘मेरे दोनों बच्चे मेरे पर्दा करने और इस्लाम के बारे में बहुत से सवाल करते हैं लेकिन मैं उन पर जबरदस्ती इस्लाम नहीं थोपूंगी। मैं लोगों को बता रही हूं कि एक मुस्लिम महिला भी पुलिस फोर्स में काम कर सकती है और मुझे उम्मीद है कि इस तरह मैं इस्लाम की नकारात्मक छवि को बदलने की कोशिश करूंगी।


**For Islamic Articles & News Please Go one of the Following Links……
www.ieroworld.net
www.myzavia.com
www.taqwaislamicschool.com


By: SUN

Courtesy :
MyZavia
Taqwa Islamic School
Islamic Educational & Research Organization (IERO)


 


Warning: A non-numeric value encountered in /home/u613183408/domains/ieroworld.net/public_html/wp-content/themes/Newspaper/includes/wp_booster/td_block.php on line 326