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कभी इन्होंने फुटपाथ पर बेचे थे पुराने कपड़े, आज दान किए 200 करोड़ रु–

एक चित्रकार, कलाकार, पेंटर, कैनवास आर्टिस्ट की यह विशेषता होती है की वह सुंदर कला का जन्म दे। ऐसी सूंदर प्रतिभाशाली कला का आविष्कारक वाजिद खान के अतिरिक्त कोई नहीं हो सकता। उन्होंने कील कला की खोज में एक उत्कृष्ट योगदान दिया। वाजिद खान को 140 रचनात्मक कला से सम्बंधित आविष्कारक के रूप में जाना जाता है। वाजिद खान का नाम गोल्डन बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, लिम्का बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, गिनीज़ बुक ऑफ़ रिकॉर्ड, और भारत के बुक्स ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज है।

जिस उम्र में बच्चे बारिश के पानी में चलाने के लिए कागज की कश्ती बनाते हैं, उस उम्र में वाजिद खान ने पानी में चलने वाला लकड़ी का जहाज बनाया था। वाजिद को एक इंच की दुनिया की सबसे छोटी इलेक्ट्रिक आयरन बनाने का श्रेय भी जाता है। ऐसी न जानें कितनी यूजेबल और क्रिएटिव चीजें हैं, जो उन्होंने पेटेंट करवाई। जिसकी वजह से उनका नाम वर्ल्ड रिकार्ड्स में शामिल हुआ। आज इस 34 वर्षीय कलाकार वाजिद खान ने (लोहे) कील कला में विश्व के पांच बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में अपना नाम दर्ज करवा लिया है। और इसका पेटेंट भी इनको इन्ही को मिला है। इन्होने 200 से अधिक आविष्कार अपने द्वारा किया है।

वाजिद खान का जन्म 10 मार्च 1981 में सोनगिरी नामक गाँव में हुआ था। वाजिद खान ने अपनी शिक्षा एक छोटे स्कूल में प्राप्त करने के कारण अपना जीवन बहुत ही हीन भावना में बिताया। उनके दो भाई और पाँच बहनें है। वह एक ग़रीब परिवार से सम्बद्ध रखते थे। पांचवी कक्षा में उन्होंने स्कूल छोड़ दिया। उन्होंने अपने जीवन में अत्याधिक संघर्ष किये। उनका दिमाग़ साधारण चीज़ों को असाधारण बनाने में लगा रहता था। लेकिन उनके परिवार वालों से उनको मदद नहीं मिलती बल्कि माता पिता से डांट ही मिलती थी।

कला के साथ प्रयोग

“मेरे जीवन के सबसे निर्णायक समय में मेरी माँ ने मेरा साथ दिया जब उन्होंने मेरी कोशिशों और शौक को आगे बढ़ाने के लिए 1300 रुपये दिए। वह घर में अकेली थीं जो मुझको प्रोत्साहित करती थीं।” वाजिद ने बताया।

उनका असल संघर्ष 16 वर्ष की आयु से शुरू हुआ जब उन्होंने एक टेक्निकल रोबोट को फैंसी बनाया। इस काम में उनके दोस्तों ने उनकी मदद की। वाजिद ने दोस्तों की मदद से अहमदाबाद में NIF इंस्टिट्यूट में काम करना शुरू कर दिया।

 

पढ़िए इन्होंने क्या-क्या बनाए वर्ल्ड रिकार्ड…
– इससे भी ज्यादा बड़ी चीज है, उनका अपनी कमाई का 95 फीसदी दान में देना और यह अमाउंट छोटा मोटा नहीं पूरे 200 करोड़ हैं।
– एलपीयू में स्टूडेंट्स से इंटरेक्ट करने पहुंचे वर्ल्ड फेमस आर्टिस्ट और कीलों के जरिए स्कैच जैसी पेंटिंग बनाने का इन्वेंशन करने वाले वाजिद ने स्टूडेंट्स के साथ इंटरेक्ट करते पांच सीख दीं।
-पैसे के पीछे नहीं, कुछ नया क्रिएट करने के जुनून के पीछे भागें। पैसा आपके पीछे भागेगा।
– क्रिएटिव काम के लिए आर्टिस्ट बनना जरूरी नहीं। अविष्कार करना क्रिएटिव काम करना है।
– हर धर्म से सीख लें, मैंने गुरु ग्रंथ साहिब को पढ़ा, वंड छको के महत्व को समझा। जैन संतों के साथ भी रहा।
– कुरान पाक में लिखे को असल में बदला जो कमाया उसका 95 फीसदी दान किया।
– दूसरों के लिए जिएं। अपने लिए जीने से खुशी नहीं मिलती।
– जो भी काम कर रहे हैं शिद्दत से करें।
घर से भाग बेचे थे पुराने कपड़े

– उन्होंने बताया कि 14 साल की उम्र में जब मैं घर छोड़कर अहमदाबाद पहुंचा तो सबसे पहले मैंने पुराने कपड़े बेचने का काम शुरू किया।
– खाली टाइम में मैं स्कल्प्चर और पेंटिग्स बनाता था। मैंने ऑटो चलाया और भी बहुत छोटे-मोटे काम किए।
– साल 2010 के एंड की बात रही होगी। किसी होटेलियर ने पेंटिग्स देखी और अपने होटल में एग्जीबिशन का मौका दिया।
– वहां पहली बार मेरी पेंटिंग बिकी वो भी 20 लाख में तब से अब तक मैं फुटपाथ पर उन बच्चों को साथ लेता हूं जो अच्छे आर्टिस्ट बन सकते हैं। उन पर खर्च करता हूं।
क्या-क्या करते हैं वाजिद
वाजिद रग्बी प्लेयर हैं ।
एनिमेटर और इनवेंटर भी हैं।
विश्व की कैनवस पर पहली थ्री डी पेटिंग की रचना भी की।

 


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